वो देस तेरा अपना है वो लोग तेरे अपने है
जो करते हैं इंतज़ार तेरे वापस आने का!
खेल कुछ घड़ियों का ही है जो तुझे खेलना है
फिर वापस तुझे देस अपने ही तो लौटना है!
जीवन जीने के लिए डॉलर भी कमाना है
बहुत कुछ पाने के लिए थोड़ा दूर ही तो जाना है!
इतना मायूस न हो इतना बेबस न हो
वक़्त का क्या है गुजरता है गुज़र ही जायेगा!
तू याद कर उस लम्हे को जब तू निकला था घर से
क्या -क्या उम्मीदें झलकीं थी तेरे अपनों की बातों से!
कितने आसूं रोये थे तूने और तेरे अपनों ने जुदाई के
बस यही सोच कर चंद लम्हे और गुज़ार ले तू परदेस में!
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