मन में जो ठाना है तुमने
उसको पूरा कर दिखाना है तुमने .
गर आये कितने ही आंधी-तूफ़ान ,
हर विघ्न को करना है पार तुमने .
कुछ पाने के लिए पड़ता है कुछ खोना ,
पर उस थोड़े से खोने पर तुम न रोना .
जो तुम पाओगे,होगा वो आधार जीवन का ,
समेट लोगे तुम सपना अपनी खुशियों का .
अभी घडी है अपनों से बिछुड़ने की ,
ये ही तो हैं सीढ़ी तुम्हारी उन्नति की .
इन्हें संभालो,अपने को आजमा लो
हर विघ्न को करना है पार तुमने .
कुछ पाने के लिए पड़ता है कुछ खोना ,
पर उस थोड़े से खोने पर तुम न रोना .
जो तुम पाओगे,होगा वो आधार जीवन का ,
समेट लोगे तुम सपना अपनी खुशियों का .
अभी घडी है अपनों से बिछुड़ने की ,
ये ही तो हैं सीढ़ी तुम्हारी उन्नति की .
इन्हें संभालो,अपने को आजमा लो
,बस सोचो यही की ,
ये घडी है तुम्हारे इम्तिहान की .
ये घडी है तुम्हारे इम्तिहान की .
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