Saturday, December 31, 2011

KHAMOSHI...

अब न रहता है किसी का इंतज़ार 
और ना ही आहटें करती हैं बेक़रार !

ख़ामोशी भी खामोश रहती है 
और बेचेनी को भी सुकून रहता है !

साँसों का कारवां अब थामता नहीं 
किसी सूरत को देख दिल मचलता नहीं !

यूँ तो ज़िन्दगी कि रफ़्तार थमती नहीं 
लेकिन दिल में कुछ था जो अब जीता नहीं!

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