Tuesday, January 17, 2012

सुकून......

वो रख दे चंद फाहे चांदनी के 
मेरे सुलगते हुए टूटे दिल पर! 
लगा दें लेप अपनी नर्म साँसों का 
मेरे झुलसते हुए तन -मन पर! 
सुकून दे दें पल भर के लिए ही 
मेरे तड़पते हुए अरमानों को!
यूँ तो कटती है ,कट जाएगी ज़िन्दगी 
लेकिन थोड़ी मेरी मौत तो आसां कर दे!

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