Sunday, January 1, 2012

mere sher...


सोच लो गर चले गए तो लौटेंगे नहीं 



चाहे कितना ही पुकारा करना हमें



दिल हमारा कितना ही तड़पा करे



फिर भी न गवारा होगा तेरा हमें यूँ जाने देना!
 











मुद्दत हुई एक शख्स को बिछुड़े हुए लेकिन



आज तक मेरे दिल पे एक निशाँ बाक़ी है!
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2 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.
    पली दफ आपके ब्लॉग पर आया हूँ,
    आपको पढकर अच्छा लग.

    नववर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है,सुनीला जी.

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  2. पली को पहली और दफ को दफा पढियेगा प्लीज.

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