वो रख दे चंद फाहे चांदनी के
मेरे सुलगते हुए टूटे दिल पर!
लगा दें लेप अपनी नर्म साँसों का
मेरे झुलसते हुए तन -मन पर!
सुकून दे दें पल भर के लिए ही
मेरे तड़पते हुए अरमानों को!
यूँ तो कटती है ,कट जाएगी ज़िन्दगी
लेकिन थोड़ी मेरी मौत तो आसां कर दे!
मेरे सुलगते हुए टूटे दिल पर!
लगा दें लेप अपनी नर्म साँसों का
मेरे झुलसते हुए तन -मन पर!
सुकून दे दें पल भर के लिए ही
मेरे तड़पते हुए अरमानों को!
यूँ तो कटती है ,कट जाएगी ज़िन्दगी
लेकिन थोड़ी मेरी मौत तो आसां कर दे!