आँखों से बहते है अश्क दीदारे-यार के लिए
दिल के ज़ख्म रिसते हैं विसाले -यार के लिए
ऐसा नहीं कि बेचेन न होंगे वो भी मिलने के लिए
फिरते होंगे आलमे -बेगानगी में वो पैमाना लिए!
सुनो तुम जो चले गए मेरी नींदें चली गई
मेरे दिल का चैन मेरी खुशियाँ चली गईं
जीने कि हर वो चाह,वो आस चली गयी
जिसकी लौ जली थी कुछ रोज़ पहले ही!
हम जो देखते हैं अब आइना
हमें कुछ अजीब सा लगता है
वो जो चेहरा कभी हमारा था
उसपर अक्स किसी और का पड़ता है!
दिल के ज़ख्म रिसते हैं विसाले -यार के लिए
ऐसा नहीं कि बेचेन न होंगे वो भी मिलने के लिए
फिरते होंगे आलमे -बेगानगी में वो पैमाना लिए!
सुनो तुम जो चले गए मेरी नींदें चली गई
मेरे दिल का चैन मेरी खुशियाँ चली गईं
जीने कि हर वो चाह,वो आस चली गयी
जिसकी लौ जली थी कुछ रोज़ पहले ही!
हम जो देखते हैं अब आइना
हमें कुछ अजीब सा लगता है
वो जो चेहरा कभी हमारा था
उसपर अक्स किसी और का पड़ता है!
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