Sunday, January 1, 2012

लॉन्ग ड्राइव...........



सुनो! याद है उस दिन कितने दिनों बाद 



मुसलाधार बारिश हो रही थी और



मैं जिद्द कर् बैठी लॉन्ग ड्राइव पर जाने की



तुम ना ना करते फ़िर भी कार निकाल लाये थे!




दोनों कितनी दूर निकाल आये थे बारिश में



ऍफ़ एम् पर कोई रोमांटिक गीत बज रहा था



हाँ याद आया "रिम झिम गिरे सावन


 .... ....."
और कैसे हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे !




तुम्हे याद है मैं तुम्हारे कांधे पर रख के सर



एक हाथ पकड़ तुम्हारा बैठी रही थी और तुम



बार बार हाथ छुड़ाते थे गेअर बदलने के लिए 



और मैं फ़िर हाथ पकड़ लेती थी झट से तुम्हारा!




सड़क पर सिर्फ दूर दूर तक बारिश ही बारिश



कोई नहीं दिखता था पागल हमसा सड़क पर!



बस मेरा मन करता था यूहीं चलते चले जाएँ हम



और वो हसीं वक्त वहीँ थाम जाये मेरे तुम्हारे संग!




सुनते हो! आज वो खूबसूरत लम्हा लौटा दो मुझे 



जो कहीं दूर छूट गया है मुझसे रोज़ की भाग दौड़ में



देखो देखो! आज फ़िर कितनी तेज़ बारिश हो रही है



सुनो ले चलो न मुझे फ़िर एक और लॉन्ग ड्राइव पर!
 

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