वो बारिश ही क्या जो सबको बता कर आये
दुनिया को पहरे पर बिठा कर आये!
वो आये तो कुछ ऐसे आये की सीथे
आँखों से होती मेरे दिल में उतर जाये!
मिटा दे जन्मों की प्यास जो है इस दिल में
और छुपा ले हमें अपनी पलकों की झील में!
दुनिया को पहरे पर बिठा कर आये!
वो आये तो कुछ ऐसे आये की सीथे
आँखों से होती मेरे दिल में उतर जाये!
मिटा दे जन्मों की प्यास जो है इस दिल में
और छुपा ले हमें अपनी पलकों की झील में!
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